सु–मधुर
स्नेहमयी,
समृद्ध ,
फिर भी ——
प्रसार की आवश्यकता ।
तोड़ी – मरोड़ी गई
तब भी न बिखरी
जोड़े रखा स्नेह – बंधन
अब भी ——
और प्रयास की जरूरत ।
विशाल हृदय
हिंदी का
आत्मसात करती
कई भाषाएं
फिर भी ——
सम्मान की अभिलाषा ।
हिंदी निभाती
भारतीयता बखूबी
भारत आश्रय सभी धर्मों का
हिंदी भी कई भाषाओं का
किन्तु ——
मौलिकता की आशा ।
— मधु रानी
14/09/2016
स्नेहमयी,
समृद्ध ,
फिर भी ——
प्रसार की आवश्यकता ।
तोड़ी – मरोड़ी गई
तब भी न बिखरी
जोड़े रखा स्नेह – बंधन
अब भी ——
और प्रयास की जरूरत ।
विशाल हृदय
हिंदी का
आत्मसात करती
कई भाषाएं
फिर भी ——
सम्मान की अभिलाषा ।
हिंदी निभाती
भारतीयता बखूबी
भारत आश्रय सभी धर्मों का
हिंदी भी कई भाषाओं का
किन्तु ——
मौलिकता की आशा ।
— मधु रानी
14/09/2016
No comments:
Post a Comment