Saturday, 14 September 2019

हिंदी

सु–मधुर
स्नेहमयी,
समृद्ध ,
फिर भी ——
प्रसार की आवश्यकता ।

तोड़ी – मरोड़ी गई
तब भी न बिखरी
जोड़े रखा स्नेह – बंधन
अब भी ——
और प्रयास की जरूरत ।

विशाल हृदय
हिंदी का
आत्मसात करती
कई भाषाएं
फिर भी ——
सम्मान की अभिलाषा ।

हिंदी निभाती
भारतीयता बखूबी
भारत आश्रय सभी धर्मों का
हिंदी भी कई भाषाओं का
किन्तु ——
मौलिकता की आशा ।

— मधु रानी
    14/09/2016