कल्पना से ही जिसकी
जीवन में ----
उमंग, उत्साह और
उर्जा का ----
संचार होता है |
उनके न होने का अहसास
एक `हूक’ उठाती है
दिल में
टीस और दर्द के
मर्म का ----
फिर हिल्लोर आता है |
शत – शत नमन है
ऐ पिता तुम्हें,
जिन्होंने ----
अवलंबन बन कर
दृढ़ता से ----
सदा थाम रखा है |
कभी छाँव, कभी जमीं
कभी पूरा आकाश
बनकर ----
स्नेह – सिक्त हाथों से
पल – पल ----
मुझे दुलार जाता है |
खुदा आप हो मेरे
जहाँ आप हो मेरे
ये ख्याल ----
आज भी मेरी
किस्मत ----
सवाँर जाता है |
पितृ दिवस पर मेरे पूज्य पिताजी को समर्पित
पितृ दिवस पर मेरे पूज्य पिताजी को समर्पित
-- मधु रानी
जून -2015
